सीएए विरोधी प्रदर्शनों में शामिल थी पीएफआई, प्रदर्शनकारियों को उकसाया था, खुद भी हिंसा में शामिल

 


सीएए विरोधी प्रदर्शनों में शामिल थी पीएफआई, प्रदर्शनकारियों को उकसाया था, खुद भी हिंसा में शामिल



सार


एसआईटी की जांच में पीएफआई की सभी हिंसक घटनाओं में भूमिका सामने आई है। जांच में यह बात सामने आई है कि पीएफआई के सदस्य हिंसा वाली जगहों पर सक्रिय थे। इन लोगों ने धार्मिक स्थलों के आसपास हिंसक प्रदर्शन से पहले पंफलेट बांटे थे।

 

विस्तार


नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में दिल्ली में सात जगहों पर हुई हिंसा में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) की भूमिका सामने आई है। आरोप है कि पीएफआई ने न केवल प्रदर्शनकारियों को उकसाया, बल्कि पीएफआई के सदस्य भी हिंसक प्रदर्शन में शामिल थे। अपराध शाखा की एसआईटी ने हिंसा में पीएफआई की भूमिका सामने आने के बाद इसके सदस्यों से पूछताछ शुरू की है।
 

अपराध शाखा के एक अधिकारी ने दावा किया कि अब तक पीएफआई के करीब आठ सदस्यों से पूछताछ हो चुकी है। एसआईटी ने पीएफआई व उससे जुड़े 70 से 80 लोगों की पहचान की है। पुलिस का दावा है कि ये सभी लोग हिंसा में शामिल थे। सीएए के विरोध में जामिया नगर, न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी, दरियागंज, सीमापुरी, दयालपुरी, नंदनगरी और जाफराबाद में हिंसक प्रदर्शन हुए थे। पुलिस ने इन जगहों पर हिंसा में दस एफआईआर दर्ज की थी। एफआईआर के बाद अब तक 102 से ज्यादा लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं।

सभी हिंसक घटनाओं में संगठन का हाथ


हिंसा में पीएफआई की भूमिका की जांच के लिए एसआईटी ने एक अलग से टीम बनाई है। अपराध शाखा के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि एसआईटी की जांच में पीएफआई की सभी हिंसक घटनाओं में भूमिका सामने आई है। जांच में यह बात सामने आई है कि पीएफआई के सदस्य हिंसा वाली जगहों पर सक्रिय थे। इन लोगों ने धार्मिक स्थलों के आसपास हिंसक प्रदर्शन से पहले पंफलेट बांटे थे।

हिंसा वाली जगहों के डंप डाटा से खुलासा


एसआईटी ने हिंसा वाली जगहों का डंप डाटा उठाया था। डंप डाटा की जांच में ये बात सामने आई है कि हिंसक प्रदर्शन वाली जगहों पर करीब 70 से 80 फोन लगातार सक्रिय थे। इस दौरान एक हिंसा वाली जगह से दूसरी हिंसा वाली जगहों पर फोन किए गए थे। अधिकारी ने बताया कि पीएफआई के सदस्यों से पूछताछ की जा रही है और कई सदस्यों को पूछताछ में शामिल होने के लिए नोटिस दिया गया है